दिल के टूट जाने का इजहार जरूरी तो नहीं
यह तमाशा सारे बाजार जाने
ये जरूरी तो नहीं
मुझे तो इश्क तेरे रूह से था
और अब भी है
जिस्म से कोई सरोकार जरूरी तो नहीं...
Dil ke Tut jaane ka izhaar jaruri to nahin...
Yah Tamasha sare bajar jaane
Ye jaruri to nahin....
Mujhe to Ishq tere ruh se tha
aur ab bhi hai
Jismein se koi
sarokar jaruri to nahin.....
दिल के टूट जाने का
इजहार जरूरी तो नहीं
यह तमाशा सारे बाजार जाने....
यह जरूरी तो नहीं
मुझे इश्क तेरी रूह से था...
और अब भी है
जिसमें से कोई सरोकार
जरूरी तो नहीं......
Best shayri.....🤣🤣🤣..
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